
इस्लामिक कैलेंडर के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है Eid e Milad। इसे Mawlid al-Nabi या Eid Milad un Nabi भी कहा जाता है। यह दिन पैगंबर हज़रत मोहम्मद ﷺ के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। दुनियाभर के मुसलमान इस मौके पर इबादत, जुलूस और सामाजिक कार्यों के जरिए अपनी मोहब्बत और अकीदत का इज़हार करते हैं।
Eid e Milad 2025 खास होने वाली है क्योंकि यह इस साल कई बड़े त्योहारों के साथ एक ही समय पर पड़ रही है और भारत सहित कई देशों में इसे लेकर खास तैयारियाँ हो रही हैंईद-ए-मिलाद क्यों मनाई जाती है?
Eid e Milad क्यों मनाई जाती है?
Eid e Milad का मुख्य कारण है पैगंबर मोहम्मद ﷺ के जन्म की याद। इस दिन को इंसानियत, भाईचारा और रहमत का पैगाम देने के रूप में देखा जाता है।
मुसलमान मानते हैं कि पैगंबर ﷺ ने लोगों को अंधकार से निकालकर सच्चाई और ईमान की राह दिखाई। इसलिए Eid e Milad के दिन उनका जन्मदिन मनाना और उनके जीवन से सीख लेना इबादत का हिस्सा माना जाता है।
Eid e Milad का इतिहास
Eid e Milad का इतिहास इस्लाम के शुरुआती दौर से जुड़ा है। कहा जाता है कि पैगंबर मोहम्मद ﷺ के बाद उनके चाहने वालों ने 12 रबी अल-अव्वल को उनके जन्म की याद में कार्यक्रम करने शुरू किए।
धीरे-धीरे यह परंपरा मुस्लिम दुनिया में फैल गई। आज ईद-ए-मिलाद सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश देने वाला दिन बन गया है।
पहली बार Eid e Milad किसने शुरू की?
इतिहासकारों के अनुसार, सबसे पहले फातिमी खलीफा (Fatimid Caliphs) ने मिस्र में Eid e Milad को एक बड़े त्योहार के रूप में मनाना शुरू किया। इसके बाद यह परंपरा तुर्की, सीरिया, ईरान और भारत तक पहुँची।
भारत में मुग़ल बादशाहों के दौर से Eid e Milad का जश्न सार्वजनिक रूप से मनाया जाने लगा।
भारत के अलावा किन-किन देशों में मनाई जाती है Eid e Milad?
आज ईद-ए-मिलाद पूरी दुनिया में मनाई जाती है। भारत के अलावा जिन देशों में इसका खास महत्व है, वे हैं:
- पाकिस्तान
- बांग्लादेश
- इंडोनेशिया
- तुर्की
- सऊदी अरब (कुछ हिस्सों में)
- मिस्र
- ईरान
- सीरिया
- यूएई
- दक्षिण अफ्रीका
- ब्रिटेन और अमेरिका (जहाँ मुस्लिम समुदाय रहता है)
हर देश में जश्न का तरीका थोड़ा अलग होता है लेकिन सबका मकसद एक ही – पैगंबर मोहम्मद ﷺ के जन्मदिन को याद करना और उनकी शिक्षाओं को फैलाना।
Eid e Milad पर कैसे इबादत की जाती है?
Eid e Milad का दिन इबादत और नेक कामों के लिए माना जाता है। इसमें लोग:
- कुरान की तिलावत करते हैं।
- नात शरीफ पढ़ते और सुनते हैं।
- मस्जिदों और घरों को रोशनी और सजावट से सजाया जाता है।
- जुलूस (procession) निकाले जाते हैं जिनमें नात और इस्लामी पैगाम सुनाए जाते हैं।
- गरीबों और ज़रूरतमंदों को खाना और कपड़े बाँटे जाते हैं।
- परिवार और दोस्तों के साथ दुआएँ की जाती हैं।
इसीलिए Eid e Milad को सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि इबादत का दिन भी माना जाता है।
2025 की Eid e Milad क्यों खास है?
ईद-ए-मिलाद 2025 कई कारणों से विशेष है:
- यह दिन 5 सितंबर 2025 को है, जो भारत में Onam और अन्य त्योहारों के साथ पड़ रहा है।
- मुंबई और महाराष्ट्र में Eid e Milad की छुट्टी 8 सितंबर 2025 को घोषित की गई है ताकि Ganesh Visarjan और Eid e Milad दोनों शांति से मनाए जा सकें।
- इस साल मुस्लिम समुदाय विश्वभर में Eid e Milad को इंटरफेथ डायलॉग यानी अलग-अलग धर्मों के बीच भाईचारा बढ़ाने के लिए खास तौर पर मना रहा है।
- सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी Eid e Milad 2025 को लेकर बड़ी मुहिम चल रही है।
Eid e Milad का महत्व
Eid e Milad सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व भी रखता है।
- यह हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है।
- गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद का मौका देता है।
- पैगंबर मोहम्मद ﷺ की शिक्षाओं को याद करने और अपनाने का दिन है।
- यह दिन समाज को रोशनी और इंसानियत की तरफ ले जाने का प्रतीक है।
निष्कर्ष
Eid e Milad 2025 पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए बेहद खास है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और अरब देशों में इसे बड़े जुलूस, इबादत और नेक कामों के जरिए मनाया जाता है।
इस दिन हमें सिर्फ पैगंबर मोहम्मद ﷺ के जन्मदिन की याद ही नहीं करनी चाहिए बल्कि उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
ईमानदारी, सच्चाई, भाईचारा और इंसानियत — यही है Eid e Milad un nabi का असली संदेश।