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दिल्ली से आवारा कुत्ते Stray Dogs हटाने का फैसला: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

हाल ही में भारत के supreme court ने एक अहम आदेश जारी किया है, जिसमें दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम्स में रखने का निर्देश दिया गया है। यह फैसला बढ़ते डॉग बाइट केस, रेबीज संक्रमण और जन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि, इस आदेश पर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है—कुछ लोग इसे ज़रूरी कदम मान रहे हैं, जबकि कई पशु कल्याण संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।

आदेश में क्या कहा गया है?

सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगमों और प्रशासन को निर्देश दिया है कि:

यह फैसला क्यों लिया गया?

  1. डॉग बाइट केस में बढ़ोतरी – 2025 की पहली छमाही में ही दिल्ली में 35,000 से अधिक एनिमल बाइट केस और 49 रेबीज संक्रमण के मामले सामने आए।
  2. जन सुरक्षा की चिंता – खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए आक्रामक आवारा कुत्ते खतरा बन रहे हैं।
  3. रेबीज नियंत्रण – रेबीज एक जानलेवा बीमारी है और वैक्सीनेशन के बावजूद इसके केस दर्ज हो रहे हैं।

सरकार और नेताओं की प्रतिक्रिया

पशु कल्याण संगठनों का विरोध

PETA India, FIAPO, और Humane World for Animals India जैसे संगठनों का कहना है कि:

चुनौतियाँ और व्यावहारिक समस्याएँ

फायदे और नुकसान

फायदे:

नुकसान:

निष्कर्ष

दिल्ली से आवारा कुत्तों stray dogs को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला जन सुरक्षा और रेबीज नियंत्रण के लिए गंभीर कदम है, लेकिन इसके साथ नैतिक और व्यावहारिक चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं। एक संतुलित समाधान वही होगा जो जनहित और पशु कल्याण—दोनों का सम्मान करे, जैसे बड़े पैमाने पर स्टेरिलाइजेशन, वैक्सीनेशन और जन-जागरूकता अभियान।

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